यह मंदिर गिरनार हिल्स पर स्थित है और जैन समुदाय में इसका विशेष धार्मिक महत्व है। यह मंदिर समुद्र विजय के बेटे और 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ को समर्पित है। साथ ही इसी स्थान पर 400 साल की तपस्या के बाद नेमिनाथ का निधन हुआ था। ऐसा माना जाता है कि नेमिनाथ की प्रतिमा विश्व की सबसे पुरानी प्रतिमा है।