सिंधिया राजवंश की छतरियां ग्वालियर के बाहरी भाग में स्थित हैं। जीवाजी राव सिंधिया, दौलत राव सिंधिया और जनकोजी राव सिंधिया की छतरियां महत्वपूर्ण स्मारक हैं। मुगलों के बाद मराठा राजवंश के सिंधिया शासकों ने ग्वालियर पर शासन किया। सिंधिया की छतरियां शिवा पुरी में हैं। शिवा पुरी का अर्थ है भगवान शिव का शहर।
यहाँ कई मंदिर हैं जिसके कारण यह हिन्दुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान है। सिंधिया राजवंश के काल में इस स्थान का विकास हुआ। सिंधिया छतरियां मध्यकालीन हिंदू वास्तुकला का उत्तम उदाहरण है। यह ग्वालियर शहर से कुछ किलोमीटर की दूरी पर अमरकंटक में स्थित है। छतरी का वास्तविक अर्थ है राजसी कब्र।