ग्वालियर में स्थित गुजरी महल भारत के प्रसिद्ध पुरातात्विक संग्रहालयों में से एक है। यह इमारत वास्तविक रूप से एक महल थी जिसका निर्माण राजा मान सिंह ने अपनी पत्नी मृगनयनी के लिए करवाया था जो एक गूजर थी। अत: इस महल का नाम गुजरी महल पड़ा। वर्ष 1922 में पुरातात्विक विभाग द्वारा इसे एक संग्रहालय में बदल दिया गया।
इस संग्रहालय में 28 गैलरियां और 9000 कलाकृतियाँ हैं। यहाँ 1 ली शताब्दी के समय की कलाकृतियाँ भी हैं। इसके अलावा यहाँ मूल्यवान पत्थर, रत्न, टेराकोटा की वस्तुएं, हथियार, मूर्तियाँ, पेंटिंग्स, शिलालेख, मिट्टी के बर्तन आदि का प्रदर्शन भी किया गया है।
गुजरी महल संग्रहालय की मूर्तियों में प्रसिद्ध शालाभंजिक यक्षी, त्रिमूर्ति नटराज अर्धनारेश्वर और यमराज शामिल हैं। यहाँ शहर के मधु और धार क्षेत्र के फोटोग्राफ भी हैं जो 75 वर्ष पुराने हैं। यहाँ 15 वीं शताब्दी के महान संगीतकार तानसेन के जीवन से संबंधित प्रमाण भी हैं। किसी भी भारतीय इतिहासकार या इतिहास प्रेमी को इस संग्रहालय की सैर अवश्य करनी चाहिए।