जय विलास महल आज भी सिंधिया राजवंश और उनके पूर्वजों का निवास स्थान है। इसके एक भाग का उपयोग आजकल संग्रहालय की तरह किया जाता है। इसका निर्माण जीवाजी राव सिंधिया ने 1809 में किया था। लेफ्टिनेंट कर्नल सर माइकल फ़िलोस इसके वास्तुकार थे।
इसकी स्थापत्य शैली इतालवी, टस्कन और कोरिंथियन शैली का अद्भुत मिश्रण है। यहाँ सिंधिया शासनकाल के कई दस्तावेज़ और कलाकृतियाँ तथा औरंगज़ेब और शाहजहाँ की तलवार है। इटली और फ़्रांस की कलाकृतियां और जहाज़ भी यहाँ प्रदर्शन के लिए रखे गए हैं। संग्रहालय में हज़ारों टन के दो बड़े झूमर लगे हुए हैं जो निश्चित रूप से पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
यह स्थान इतिहासकारों और सामान्य जनता को समान रूप से आकर्षित करता है।