सूरज कुंड एक सुंदर तालाब है जो ग्वालियर किले के पास स्थित है। इसे 8 वीं शताब्दी के राजा सूरज सेन की लोक कथाओं के कारण महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त हुआ है। कहानी के अनुसार राजा को कुष्ठ रोग हो गया था और सौभाग्य से वे किले के पास ग्वालिपा नाम के साधू से मिले।
साधू ने राजा से तालाब का कुछ पानी पीने के लिए कहा। राजा ने वैसा ही किया और राजा का कुष्ठ रोग ठीक हो गया। राजा ने साधू के नाम पर शहर का नाम ग्वालिपा रखा और उसके बाद से यह शहर ग्वालियर कहलाया जाने लगा। सूरज कुंड का नाम राजा के नाम पर पड़ा है और यह प्राचीन कहानी का वर्णन करता है।तालाब का सुंदर परिसर और कहानियां इसे एक आकर्षक पर्यटन स्थल बनाता है।