हस्तिनापुर को जैन धर्म के श्रद्धालुओं के मध्य तीर्थ क्षेत्र - एक महान तीर्थ केंद्र के रूप में जाना जाता है। दिगंबर जैन बड़ा मंदिर, शहर में सबसे पुराना जैन मंदिर है। शब्दों के अनुसार, बड़ा का अर्थ होता है विशाल, और वास्तव में यह मंदिर काफी विशाल है। यह मंदिर 40 फुट ऊंची पहाड़ी पर स्थित है।
यह भव्य मंदिर चार फीट ऊंचाई के शिखर के साथ खड़ा हुआ है और इसका शिखर बेहद कलात्मक ढंग से बना हुआ है। मंदिर में तीन फाटक है जिन्हे पार करने पर भगवान शांतिनाथ की सफेद रंग की प्रतिमा मंदिर में रखी हुई है, जिसमें देवता पद्मासन लागकर बैठे हुए है।
इस मंदिर की अनूठी विशेषता यह है कि इसे पूरी ऊंचाई में सर्प के आकार का बनाया गया है। इस मंदिर की आंतरिक साज - सज्जा में जैन शास्त्रों से जुड़ी कई कहानियों को सुनहरी तस्वीरों में चित्रित किया गया है। ऐसा माना जाता है कि मंदिर की आतंरिक साज - सज्जा और चित्रों में कुल 7 से 8 किलो सोने का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर परिसर में एक लाइब्रेरी, वरदाश्रम, जल मंदिर, आचार्य विद्यानंद संग्रहालय और कैलाश पर्वत है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए खाने और रहने की व्यवस्था का भी इंतजाम है।