सतपुड़ा नेशनल पार्क खासतौर से बाघ संरक्षण केन्द्र के रूप में विख्यात होने को साथ-साथ विभिन्न प्रकार के जीव-जन्तुओं और पेड़-पौधों का घर है। यह भारत के सभी वन्यजीव अभ्यारण्यों में से सबसे कम देखा गया है। प्रारम्भ में इसे बाघों के संरक्षण के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। पार्क की जमीन काफी पथरीली होने के साथ-साथ इसमें कई घाटियाँ, झरने और पगडण्डिया हैं।
पार्क में टहलते समय रेतीले पत्थर वाली चोटियों, घने साखू के जंगलों और विशाल तवा जलाशय को देखकर अचम्भित नहीं होना चाहिये। सतपुड़ा नेशनल पार्क आने पर पर्यटक चितकबरे हिरण, साही, बाघ, तेन्दुआ और दलदल वाले मगरमच्छ आदि को आसानी से देख सकते हैं।
अनोखे आकर्षणों में काले हिरण और विशालकाय भारतीय गिलहरी शामिल हैं। नेशनल पार्क में कई प्रकार के पक्षी पाये जाते हैं जिन्हें देखना अद्भुत अहसास होता है। सतपुड़ा नेशनल पार्क में पेड़-पौधों का अनोखा संग्रह है जिसमें पौधों की 1300 से अधिक प्रजातियाँ और कई औषधीय पौधे पाये जातें हैं।
पूरे मध्य भारत में यह एकमात्र टाइगर रिज़र्व है जहाँ पर प्राकृतिक रूप से चलने की आज़ादी है। चार लोगों के समूह को टाइगर रिज़र्व में टहलने की छूट है लेकिन सुरक्षा के लिये एक प्रशिक्षित वन्यजीव विशेषज्ञ साथ रहता है। पार्क आने का सर्वश्रेष्ठ समय जनवरी और जून के मध्य का समय है।