हुबली शहर की खोज में निकले सभी पर्यटकों को सिद्धरूध मठ आने की सलाह दी जाती है। इस मठ को श्री सिद्धरूध स्वामी (1837-1929) की याद में बनवाया गया है जिन्होंने सन् 1929 में समाधि ली। इस स्थान पर सन् 1929 में बाल गंगाधर तिलक, सन् 1924 में महात्मा गाँधी जैसे कुछ लोकप्रिय ऐतिहासिक विभूतियाँ भी आई हैं। सिद्धरूध मठ को एक धार्मिक संस्थान माना जाता है। इसके साथ ही यह मठ स्वामी सिद्धरूध जी के उपदेशों के प्रसार का केन्द्र है जिसके अन्तर्गत उनका अद्वैत दर्शन आता है। महाशिवरात्रि के अवसर पर यहाँ आयोजित होने वाले कार महोत्सव के दौरान स्वामी के कई भक्त इस मठ में आते हैं।