ईटानगर को उसके शहर भर में स्थित कई पुरातत्व स्थलों के लिये जाना जाता है। ईटा किला (ईंटो का किला) अरूणाचल प्रदेश के सबसे मनमोहक पर्यटक स्थानों में से एक है। ईटानगर नाम का उद्भव ईटा किला से ही हुआ है जिसकी संरचना अनियमित है।
शहर के केन्द्र में स्थित होने के कारण यहाँ शहर के किसी भी कोने से आसानी से पहुँचा जा सकता है। किले का इतिहास 14वीं-15वीं शताब्दी का है। निर्माण में 16,200 घन मीटर लम्बी ईंटे प्रयुक्त हुई हैं। कुछ इतिहासकार इन ईंटों को मायपुर के शासक रामचन्द्र के समय का मानते हैं। वे जातरी वंश के शासक थे (1360-1550 ई0)।
इस किले के निर्माण में 80 लाख से अधिक ईंटों का प्रयोग किया गया है। सदियों बाद भी किला प्रतिष्ठा और सम्मान के साथ बुलन्द खड़ा है। अहोम भाषा में ईंटों को ईटा कह जाता है और वहीं से यह नाम आया है। किले में पश्चिमी, पूर्वी और दक्षिणी दिशाओं से प्रवेश किया जा सकता है। किले की कुछ पुरातत्व खोजों को जवाहर लाल नेहरू संग्रहालय, ईटानगर में संरक्षित किया गया है।