कोटुमसर गुफाएं जगदलपुर से लगभग 40 किमी की दूरी पर स्थित हैं। ये गुफाएं भारत की पहली और दुनिया की दूसरी सबसे लंबी प्राकृतिक गुफाएं हैं। जैसे ही ये भूमिगत हो रही हैं, अंदर घोर अंधेरा होता जा रहा है। यह स्टेलेक्टाइट चट्टानों व स्टेलेग्माइट चट्टानों से बनी हैं।
गुफाओं में पतली सीढ़ियों से प्रवेश किया जाता और आने वाले लोगों को मुख्य हॉल तक पहुंचने के लिए लंबे, पतले कक्षों से होकर जाना पड़ता है, जिसमें शानदार धुनें सुनाई देती हैं। बहुत सारी आदिवासी कहानियां भी इसके साथ जुड़ी हैं और इसे गुपनपल या कुटमसर की गुफाओं के रूप में भी जाना जाता है।