जमुई बिहार का एक प्रसिद्ध जिला है और खासतौर से अपने जैन धर्म के पौराणिक और ऐतिहासिक वजहों से जाना जाता है। आज के बिहार के 38 जिलों में शुमार किया जाने वाला जमुई महाभारत काल से ही आकर्षण का केन्द्र रहा है। एक और कारण जिसके कारण जमुई पर्यटन महत्वपूर्ण हो जाता है क्यों कि एक लोककथा के अनुसार इसका जमुई नाम ज्रीभीकग्राम या जाम्भियाग्राम गाँव के कारण पड़ा है जिसे कि भगवान महावीर के अलौकिक ज्ञान या केवल्यज्ञान की स्थली के रूप में जाना जाता है।
जमुई, क्षेत्र के संगीत और अच्छे साहित्य के विकास के लिये उर्वरा भूमि रही है। कला के क्षेत्र की कई नामी-गिरामी हस्तियाँ इसी क्षेत्र से आती हैं।
जमुई और इसके आसपास का पर्यटन
जमुईपर्यटन के अन्तर्गत पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व के कई महान स्थान आते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा चर्चित और पसन्द किये जाने वाले आकर्षणों में जैन मन्दिर, क्षत्रिय कुण्ड ग्राम, गिद्धेश्वर मन्दिर, पटनेश्वर मन्दिर. काली मन्दिर, हज़रत खान गाज़ी दरगाह सिमुलतल्ला हिल स्टेशन, कुमार ग्राम, सुग्गी, नागी बाँध बन्यजीव अभ्यारण्य और कई अन्य शामिल हैं।
जमुई रेल तथा सड़क मार्गों से अच्छी तरह से जुड़ा है। वायुमार्ग से आने वाले पर्यटक गया और पटना हवाईअड्डों में कोई भी चुन सकते हैं।
जमुई आने का सबसे बढ़िया समय
जमुई की यात्रा का सबसे बढ़िया समय कपकपाँ देनी वाली सर्दियों से पूर्व जुलाई से लेकर नवम्बर तक का है।