पटनेस्वर मन्दिर क्षेत्र का सबसे प्रसिद्ध भगवान शिव के मन्दिरों में से एक है। किंवदन्ती के अनुसार यह मन्दिर पूर्व में गोस्वामी परिवार का निवास था। एक दिन गोस्वामी ने जंगलों में कुछ चमकता देखा, पास जाकर देखने पर उन्हें एक शिवलिंग मिला। बाद में 1711 ई0 में मन्दिर का निर्माण किया गया।
हर साल श्रावण मास मे शिवलिंग के चारों ओर 2 फीट ऊँची मिट्टी की दीवार बनाई जाती है और कई लीटर दूध चढ़ाया जाता है। सोचने वाली बात यह है कि इतना दूध चढ़ाने के बाद भी शिवलिंग कभी नहीं डूबता।
यह मन्दिर कामना लिंग के नाम से भी जाना जाता है और इसके आसपास की प्रकृतिक सुन्दरता, क्यूल नदी का मनोरम दृश्य और पहाड़ों का प्राकृतिक वातावरण इस स्थान की विशेषता है।