दुदुमा प्रपात जो “मत्स्य तीर्थ” के नाम से भी जाना जाता है जयपुर का प्रमुख खोजा गया पर्यटन स्थल है। 70 किमी. की दूरी पर स्थित दुदुमा प्रपात मछाकुंड नदी से प्रारंभ होता है तथा यह दक्षिण भारत का सबसे ऊंचा प्रपात है जिसकी ऊंचाई 157 मीटर है।
यहाँ मछाकुंड जलविद्युत परियोजना स्थापित की गई है। 1941 में जब इस स्थान को मछाकुंड परियोजना के लिए चुना गया तब तक इस स्थान के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं थी। मछाकुंड एक धार्मिक स्थान भी है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि श्री चैतन्य महाप्रभु ने इस स्थान की सैर की थी।
इसे नाटकीय रूप से दो भागों में बांटा गया है: एक भाग उड़ीसा में है तथा दूसरा आंध्रप्रदेश में इस प्रकार यह दो राज्यों की सीमारेखा बनाता है। मानसून के मौसम में प्रपात अपनी चरम सीमा पर होता है। दुदुमा प्रपात का भव्य और शानदार दृश्य नि:संदेह ही प्रकृति प्रेमियों को लुभाने वाला है।