सुनाबेदा में एच ए एल (हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड़) का इंजन विभाग स्थित है। यह जयपुर से 40 किमी. की दूरी पर स्थित है तथा यहाँ हरी भरी घाटियाँ हैं। इसके अलावा यहाँ वन्य जीवन अभ्यारण्य भी है जहाँ चीता, तेंदुआ, बार्किंग डियर, सियार, स्लोथ बियर, गौर, सांबर, चीतल, मोर, पहाड़ी मैना और तीतर पाए जाते हैं और साथ ही साथ सरीसृप की भी विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
सुनाबेदा टाइगर संरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत भारत में टाइगर की स्वस्थ जनसंख्या पर ध्यान केंद्रित किया गया है। सुनाबेदा के जंगलों में जो पहाड़ियां हैं उनकी विशेषता है कि उनका ढलान बहुत अधिक है। इस स्थान से तीन नदियाँ और ग्यारह धाराएं बहती हैं।
सुनाबेदा में एक बहुत प्राचीन जगन्नाथ मंदिर भी है जो अपनी वार्षिक रथ यात्रा के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर के परिसर में भगवान शिव, गणेश और देवी लक्ष्मी के मंदिर स्थित हैं। भगवान शिव का एक अन्य मंदिर पहाड़ी की चोटी पर स्थित है तथा पहाड़ी की तलहटी में देवी पार्वती का मंदिर है जो माना जाता है कि इस शहर के प्राचीन मंदिरों में से एक है।