झलोंग शहर कैलोमपोंग के रास्ते पर जलढाका नदी के किनारे स्थित है। यह हिमालय पर्वत के बिल्कुल नीचे है जहाँ से इस महान पर्वतमाला की वास्तविक सुंदरता दिखाई देती है।
झलोंग के आसपास के स्थान
केवल 100कि.मी. दूर स्थित सिलिगुड़ी के पास होने से झलोंग पर्यटन को बहुत फायदा है। झलोंग भारत-भूटान सीमा के बहुत पास है और उनके भोजन, परंपराओं और त्योहारों में भूटानी प्रभाव बहुत अधिक दिखाई देता है।
पक्षी और मधुमक्खियाँ
पहाड़ी पक्षियों की अनेक प्रजातियों जैसे लाफिंग थ्रश, रेडस्टार्ट, ब्राउन डिपर और कई प्रवासी पक्षियों के कारण झालोंग को अकसर पक्षीप्रेमियों के लिए सपना सच होने का स्थान कहा जाता है। पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों को और अधिक जानने के लिए आप झलोंग पर्यटन द्वारा संचालित पक्षी अभयारण्य या गोरूमारा वन्यजीव अभयारण्य देख सकते हैं। जलढाका नदी पर स्थित जल विद्युत परियोजना झलोंग का प्रमुख आकर्षण केंद्र है।
झलोंग में और इसके आसपास स्थित पर्यटन स्थान
बिंदु बांध एक अन्य लोकप्रिय पर्यटन आकर्षण है और यह भारत तथा भूटान के बीच एक सेतु का कार्य करता है। कार्डमम क्योरिंग सेंटर और गोदक यहाँ के अन्य आकर्षक पर्यटन स्थल हैं। लगभग 22कि.मी. दूर स्थित टोटोपारा रॉक एक छोटी सी पहाड़ी है जो टोरसा नदी के सुंदर नज़ारें पेश करती है। आप जलदापारा राष्ट्रीय पार्क भी देख सकते हैं।
कैसे पहुँचे झालोंग
झलोंग पश्चिम बंगाल के उत्तरी शहरों में से एक हैं जहाँ से भूटान के लिए नियमित बसें चलती हैं। सिलिगुड़ी हवाईअड्डा यहाँ से निकटतम हवाईअड्डा है जो इसे मुंबई और दिल्ली से जोड़ता है।
झलोंग का मौसम
झलोंग में मौसम गर्मी, मानसून और सर्दी में वर्गीकृत किया गया है।