भगवान गणेश को समर्पित गणेश मंदिर वह स्थान है जहाँ 1842 में रानी लक्ष्मीबाई का राजा गंगाधर राव के साथ विवाह हुआ था। रानी जिनका विवाहपूर्व नाम मणिकर्णिका था, उन्हें औपचारिक रूप से लक्ष्मीबाई का नाम दिया गया। झाँसी के किले के प्रवेश द्वार पर स्थित इस सुंदर मंदिर में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित है जिन्हें किले, निवासियों और शहर का रक्षक माना जाता है।
गुंबद के आकार की संरचना होने के बावजूद मंदिर का वास्तुशिल्प डिज़ाइन और कुछ खास ख़ास बातें यह बताती हैं कि इसका निर्माण किले के साथ ही हुआ था। इस गणेश मंदिर के साथ झाँसी का किला उस समय के अपने भक्तों की असाधारण वीरता की गवाही देता है, विशेष रूप से झाँसी की रानी का जिन्होनें स्वतंत्रता के लिए अपने जीवन का बलिदान दे दिया।
गणेश मंदिर भगवान गणेश के भक्तों और बड़ी संख्या में यहाँ आने वाले पर्यटकों दोनों का पसंदीदा पर्यटन स्थल है।