जींद जिला अपने आप में ही एक पौराणिक शहर है जिसमें प्राचीन युग के कई गाँव और कस्बे सम्मिलित हैं। इनमें से कई आवासों (गाँव और कस्बों) के नाम पुराणों के आधार पर रखे गए हैं एवं इनकी उत्पत्ति भी पौराणिक काल में हुई है जिसका उल्लेख शास्त्रों में भी मिलता है। हंसदेहर गाँव जींद की नरवाना तहसील में स्थित है|
इस गाँव का नाम एक कहानी से आता है, जिसके अनुसार भगवान् ब्रम्हा अपनी सवारी हंस पर सवार होकर ऋषि कर्दम की शादी में सम्मिलित होने के लिए यहाँ आये थे। ऐसा विश्वास है कि हंसदेहर ऋषि कर्दम की जन्मभूमि है और उन्होंने कई वर्षों तक यहाँ तपस्या की थी।
ऐसा भी कहा जाता है कि पवित्र नदी सरस्वती इस गाँव से होकर बहती थी और पांडवों ने अपने पूर्वजों का पिंडदान भी यहाँ किया था। इस गाँव में भगवान् शिव को समर्पित एक मंदिर और बिंदुसार तीर्थ भी है।