हिंदुओं की धार्मिक एवं सांस्कृतिक परंपराओं के अनुसार, एक महिला को दिव्य शक्ति की अभिव्यक्ति का रूप माना जाता है। दूसरे शब्दों में, वह शक्ति का प्रतीक है जो देवी माँ के महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है| अन्य तत्वों में है, करुणा, प्रेम और उदारता। शास्त्रों के अनुसार महिलाओं को चार श्रेणियों में बांटा गया है, पदमिनी, शंखिनी, हस्तिनी और चित्रिणी। इन चार प्रकारों में से शंखिनी या एक शंख महिला को शंख के गुणों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
उसका शारीरिक गठन संतुलित होता है। वह कठोर होने के साथ साथ कोमल भी होती है। वह ऊर्जा से भरी हुई औए स्वतंत्र होती है। इस तरह की महिला का सबसे अच्छा उदाहरण है गार्गी, आदिशंकराचार्य की माता, या वैदेही या सीता, श्रीराम की पत्नी। शंखिनी स्वरूप को समर्पित एक मंदिर जींद जिले की नरवाना तहसील के संघन गाँव में स्थित है। इस तीरथ में, विशेषकर महिलाओं द्वारा, पूजा किये जाने पर उन्हें शंखिनी के लक्षणों का आशीर्वाद मिलता है।