कडपा (जिसे पहले कड्डपाह के नाम से जाना जाता था) एक नगरपालिक शहर है जो रायलसीमा क्षेत्र में आता है और आंध्रप्रदेश के दक्षिण मध्य भाग में स्थित है। इस शहर को इसका नाम एक तेलगु शब्द ‘गडपा’ से मिला है जिसका अर्थ है सीमा या दरवाज़ा। इस शहर को यह नाम इसलिए मिला है क्योंकि यहीं से पवित्र पहाड़ी तिरुमला का रास्ता प्रारंभ होता है।
तिरुमला कडपा के पश्चिमी ओर स्थित है। वर्ष 2010 में कड्डपाह की स्पेलिंग (वर्तनी) को बदल कर कडपा कर दिया गया। कडपा, आंध्र प्रदेश की राजधानी हैदराबाद से 412 किमी दूर स्थित है। यह शहर पन्ना नदी के बहुत पास स्थित है। यह शहर दो पहाड़ों नल्लामला और पलाकोंडा के बीच में स्थित है। ग्यारहवीं से चौदहवीं शताब्दी के बीच कडपा चोल साम्राज्य का एक महत्वपूर्ण भाग था।
चौदहवीं शताब्दी के अंत में इसे विजयनगर में सम्मिलित कर दिया गया। लगभग दो शताब्दियों तक विजयनगर साम्राज्य पर गांदीकोटा नायकों का नियंत्रण था। ये नायक विजयनगर के राज्यपालों की तरह कार्य करते थे और इस क्षेत्र में कई तालाब और मंदिरों के निर्माण का श्रेय भी इन्हीं को जाता है। वर्ष 1565 में गोलकोंडा के मुस्लिम शासकों द्वारा इस आक्रमण कर इसे जीत लिया गया।
मीर जुमला ने आक्रमण कर गांदीकोटा किले को लूटा और विश्वासघाती साधनों का प्रयोग कर तत्कालीन राजा चिन्ना थिम्मा नायडू को हराया। बाद में क़ुतुब शाही शासक, नेकनाम खान ने कडपा की सीमाओं का विस्तार किया और इस नए विस्तार को नेकनामाबाद का नाम दिया। परन्तु इतिहासकार जब भी इस काल की बात करते है तो वे ‘कडपा के निजाम’ संबोधन का ही प्रयोग करते हैं, ‘नेकनामाबाद के निजाम’ का नहीं।
नवाबों ने इस शहर में कई मस्जिदें और दरगाह बनवाई और शहर की कला और वास्तुकला को एक नई पहचान देने में अपना योगदान दिया। वर्ष 1800 में कडपा अंग्रज़ों के आधीन आया और उन्होंने अपने चार अधीनस्थ कलेक्टरों में से एक के लिए इसे मुख्यालय बनाया। इस मुख्यालय के संचालक सर थॉमस मुनरो थे जो इस क्षेत्र के मुख्य कलेक्टर थे। अंग्रेजों ने कडपा शहर में तीन गिरिजाघरों का निर्माण किया। स्वतंत्रता के पश्चात यह नगरपालिका का हिस्सा बन गया।
किषिकिन्धाकांड का मिथक – कडपा और इसके आसपास के पर्यटन स्थल
हिंदू महाकाव्य रामायण के अनुसार, सात कांडों में से एक किषिकिन्धाकांड वोंतिमित्ता नाम के स्थान पर हुआ था जो कडपा जिले में स्थित है। वोंतिमित्ता मुख्य कडपा शहर से लगभग 20 किमी दूर है। कडपा के नज़दीक ही गांदी गाँव है जहाँ प्रसिद्ध अंजनेय स्वामी मंदिर है।
यह मंदिर भगवान् हनुमानजी को समर्पित है और लोगों का ऐसा विश्वास है कि इस मंदिर में स्थित हनुमानजी की मूर्ती को भगवान् राम ने स्वयं बनाया है। अपने बाण की नोंक से भगवान् राम ने एक पत्थर पर हनुमान जी की मूर्ती बनाई। हनुमानजी ने जब देवी सीता को खोज लिया तब भगवान राम ने हनुमानजी के सम्मान में यह मूर्ती बनाई।
आजकल कडपा, आंध्र प्रदेश का एक महत्वपूर्ण पर्यटक स्थल है। यहाँ पर देखने के लिए कई रोचक स्थल है जैसे कि- अमीन पीर दरगाह, भगवान् महावीर संग्रहालय, चाँद फिरा गुंबद, देवुनीकडपा और मस्जिद-ए-आज़म।
कडपा का मौसम
इस स्थान पर साल भर उष्णकटिबंधीय जलवायु रहती है, गर्मी में बहुत गर्मी और सर्दियों में हल्की ठंड पड़ती है। यहाँ मानसून का मौसम लगभग तीन महीने तक रहता है और इस दौरान माध्यम वर्षा होती है।
कडपा कैसे पहुंचे
वायुमार्ग, रेल और रोड तीनों से ही कडपा आसाने से पहुंचा जा सकता है। इस शहर का अपना घरेलू हवाईअड्डा है जो शहर के केंद्र से लगभग 8 किमी दूर है। सबसे नज़दीक का अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा हैदराबाद में है।
कडपा का स्टेशन मुंबई-चेन्नई लाइन पर पड़ता है इसलिए नियमित अंतराल पर यहाँ कई रेलगाड़ियाँ आती हैं। सडक परिवहन द्वारा यह शहर राज्य के अन्य शहरों से भी अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आपको कडपा जाने के लिए बसें और कैब्स भी मिल जायेंगी।