कैलाशहर तथा उसके आसपास के इलाकों में 16 से अधिक चाय बागान हैं। इन हरे भरे बागानों की यात्रा किसी को भी सुकून पहुंचाने वाली होती है। यहां के चाय बागान न केवल अपने अद्भुत सौंदर्य के लिये, बल्कि अपनी चाय पत्ती की बेहतरीन गुणवत्ता के लिए भी जाने जाते हैं। इस इलाके के कुछ चाय बागान 20वीं सदी के बहुत पुराने हैं और 1916 में स्थापित किए गए थे।
इस स्थान की सबसे सुन्दर बात यह है कि आज भी चाय का उत्पादन यहां परम्परागत तरीके से होता है।आसपास के चाय बागानों से उत्पादित चाय में बेहतरीन सम्मिश्रण गुण मौजूद है, जो स्वास्थ्य के लिए अच्छे माने जाते हैं। ये चाय बागान जैविक चाय के उत्पादन के लिए भी मशहूर हैं।
चूंकि चाय बागानों की यात्रा में पूरा दिन भी नहीं लगता है, अतः पर्यटक आसानी से एक दिन में कैलाशहर में सभी पर्यटन स्थलों की यात्रा का कार्यक्रम बना सकते हैं।