किझाक्केकारा श्री कृष्णा मंदिर, एक प्राचीन कृष्ण मंदिर है जो लगभग 3000 साल पहले बनाया गया था। यह मंदिर चिराक्कल में स्थित है जो कन्नूर शहर से 7 किमी. की दूरी पर है। इस मंदिर तक सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है। कई शताब्दियों पुराने इस मंदिर में इतिहास की हर कहानी स्पष्ट है जहां इतिहास प्रेमियों और आर्कियोलॉजिस्ट को अपने मतलब की कई जानकारी मिल सकती हैं।
मंदिर की पांडुलिपि संग्रह को पुरातत्व विभाग द्वारा लगभग 2500 साल पुराना माना जा रहा है। किझाक्केकारा श्री कृष्णा मंदिर में मुख्य देवता यानि इष्टदेव बाल गोपाल हैं जो भगवान श्री कृष्ण के दुलर्भ अवतारों में से एक हैं। यह मंदिर चिराक्कल तालाब के नजदीक ही स्थित है जो 5 एकड़ के फैले जल में पर्यटकों को मुत्रमुग्ध कर देता है।
यह मंदिर चिरक्कल राजावम्सम के क्षेत्र के दौरान पवित्र किया जाता है और इस दौरान एक अनूठी परंम्परा के जरिए ( जिसे अन्नाधानम कहा जाता है ) परिसर में विशेष अनुष्ठान किया जाता है। मंदिर के आसपास का क्षेत्र काफी शांत और सुंदर है जहां आने वाले श्रद्धालुओं की आध्यात्मिक मनोकामना पूरी हो जाती है और उन्हे सुख व शांति का अनुभव होता है।