गाँधी मेमोरियल, जिसे गाँधी मण्डपम भी कहा जाता है, को राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के सम्मान मे बनवाया गया था। इसे सन् 1956 ई0 में बनवाया गया था और इस स्मारक की संरचना उड़ीसा के मन्दिरों के समान है। गाँधी मेमोरियल की आन्तरिक संरचना 79 फीट ऊँची है जो कि महात्मा गाँधी की मृत्यु के समय की आयु का प्रतीक है।
इस स्मारक को इस तकनीक के साथ निर्मित किया गया है कि हर साल दो अक्टूबर को दोपहर के समय सूर्य की किरणें उसी स्थान पर पड़ती हैं जहाँ पर उनकी अस्थियों को विसर्जित करने से पूर्व रखा गया था। गाँधी मेमोरियल कन्याकुमारी मन्दिर के समीप स्थित है।
यह स्मारक अपने पुस्तकालय के लिये भी लोकप्रिय है जिसमें भारत की स्वतन्त्रता से पूर्व की पुरानी किताबें, पत्रिकायें और पर्चे रखे हैं। पुसतकालय केवल शुक्रवार और शनिवार को खुला रहता है।