कराईकुडी, तमिलनाडु राज्य के शिवागंगई जिले में स्थित एक नगर निगम है। यह स्थान पूरे नगर पालिका में सबसे प्रसिद्ध है और यह शहर का सबसे बड़ा इलाका भी है। यह स्थान, चेट्टीनाड क्षेत्र का हिस्सा है जिसमें कुल 75 गांव आते है। यह शहर त्रिची और रामेश्वरम को जोड़ने वाले राजमार्ग पर स्थित है। इस नगर में भारत की अद्वितीय शैली वाले घर बने हुए है।
यहां के अधिकांश: घर चूनापत्थर के बने होते है जिन्हे कराई वीदू कहा जाता है। कुछ लोगों का मानना है कि इस स्थान का नाम कराई नाम के वृक्ष पर रखा गया है। यह वृक्ष इस इलाके में बहुतायत में मिलता है। कराईकुडी, पहले रामनाथपुरम इलाके में आता था, बाद में 1928 को इसे एक नगर निगम बना दिया गया। इस नगर के इतिहास के बारे में ज्यादा कुछ नहीं पता है लेकिन इसे लगभग 18 वीं सदी में स्थापित किया गया था।
चेट्टीयार और कराईकुडी
यह बात सभी जानते है कि चेट्टीयार परिवार ने इस शहर के विकास में भरपूर योगदान दिया है। यहां तक कि आज भी, चेट्टीयार समुदाय यहां की आबादी में सबसे ज्यादा हैं। वह कराईकुडी में व्यापार और वाणिज्य का काम सम्हालते है। इसके अलावा, इस समुदाय के लोग शिक्षा संस्थानों, बैंक, निर्माणाधीन मंदिरों और त्यौहारों आदि में आगे बढ़कर धन का सहयोग प्रदान करते है।
वह लोग हमेशा सामाजिक आत्मनिर्भरता पर जोर देते है। चेट्टीयार परिवार से जुड़े वल्लाल अल्गाप्पर ने कराईकुडी में काफी विकास करने के बाद अलागप्पा यूनीवर्सिटी की स्थापना की थी। कराईकुडी और आसपास के क्षेत्रों से कई छात्र यहां इंजीनियरिंग का कोर्स करने आते है।
यह यूनीवर्सिटी, देश के कुछ प्रमुख कॉलेजों में से एक है। इस यूनीवर्सिटी में बी. टेक के अलावा भी अन्य कोर्स होते है। यहां कला, फाइन आर्ट, विज्ञान, मानव विज्ञान आदि के कोर्स भी होते है।
कराईकुडी और उसके आसपास स्थित पर्यटन स्थल
कराईकुडी और उसके आसपास के क्षेत्र में स्थित पर्यटन स्थलों में कन्नूदायहायागी मंदिर, कोप्पूदाई अम्मान मंदिर, मीनाक्षी सुंदेश्वर मंदिर और चेट्टीनाड महल प्रमुख है।
तमिलनाडु में कराईकुडी का महत्व
देश के चुंनिंदा शैक्षिक संस्थानों के होने के अलावा, यह स्थान दक्षिण भारतीय फिल्म निर्माताओं के लिए खास स्थान है। यहां स्थित एवीएम स्टूडियों में कई फिल्में शूट की जाती है, इस स्टूडियों को ए.वीढ मेय्यप्पा चेट्टीयार ने खोला था। दक्षिण भारत की कई सफल फिल्मों की शूटिंग यही होती है। कई पुराने मंदिरों के अलावा, कराईकुडी में पाक कला भी बेहद अनूठी है।
यहां के बने भोजन वाकई बहुत स्वादिष्ट होते है। यहां के स्थानीय भोजन को कई भागों में बांटा जाता है। इस शहर का नाम चेट्टीयार वंश के नाम पर रखा गया है। यहां के भोजन को भी चेट्टीनाड के नाम से जाना जाता है , वैसे कई लोग यहां के भोजन को कराईकुडी भोजन भी कहते है। स्थानीय लोग, यहां के भोजन को अची समायल नाम के बर्तन में खाते है।
यहां के भोजन को विशेष प्रकार के साग और मसालों से मिलाकर पकाया जाता है और इनके बनाने का तरीका भी बिल्कुल भिन्न होता है। यहां आकर चिय्यम, कंधारप्पम, लंदासासोई, मसाला पनियारम, वेल्लीयम पनियारम और थालीच्चा इडियाप्पम स्नैक आदि को जरूर चखना चाहिए। यहां अच्छी और सड़क पर लगने वाली दुकानों पर ड्राई फूड भी काफी मिलता है जिन्हे स्नैक के तौर पर खाया जाता है। यह हेल्दी और टेस्टी होते है।
कराईकुडी का मौसम
कराईकुडी में गर्मी, मानसून और सर्दी तीनों मौसम आते है।
कराईकुडी तक कैसे पहुंचे
कराईकुडी का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट त्रिची में है। इस शहर में निजी रेलवे स्टेशन है और यह सभी सड़क मार्गो से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।