मां अंबिका मंदिर उत्तरी उड़ीसा का सबसे अधिक सम्मानित मंदिर है। यहाँ मां अंबिका की मूर्ति है जो देवी दुर्गा से जुड़ी हुई हैं। इस मंदिर अन्य कई देवियों की मूर्तियाँ भी हैं। इस मंदिर का निर्माण 1940 में मयूरभंज के राज्य शासनकाल में हुआ था। मंदिर हरे भरे जंगलों और...
करंजिया के गुडसाही में स्थित बरखंडा मंदिर इस स्थान की स्थानीय देवी बरखंदा का मंदिर है। बरखंडा देवी दुर्गा का स्थानीय नाम है। ऐसा विश्वास है कि वे सबसे अधिक शक्तिशाली देवी हैं। इस मंदिर की मुख्य विशेषता यहाँ की दीवारों पर की गई जटिल कलात्मकता है। त्योहार जैसे...
श्यामराई मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित है। यहाँ भगवान को हाथ में बांसुरी लिए हुए तथा गोपियों से घिरे हुए देखा जा सकता है तथा भगवान की आँखों में देखकर आपका मन श्रद्धा से भर जाएगा। मंदिर को सुंदर डिज़ाइन से सजाया गया है जो दिव्यता का अनुभव प्रदान करता है। मंदिर की छत...
पूर्णेश्वर शिव मंदिर भगवान शिव को समर्पित है तथा यह करंजिया शहर में स्थित है। यह मंदिर करंजिया के प्राचीन मंदिरों में से एक है। मंदिर की बाहरी और आंतरिक दीवारें सुंदर डिज़ाइन से सुसज्जित हैं। शिव रात्रि का त्योहार उत्साह और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस...
रानी सती मंदिर करंजिया शहर के हृदयस्थल में स्थित है। मंदिर के परिसर का प्रत्येक कोना जटिल कलात्मकता का प्रतीक है। रानी सती को देवी दुर्गा का अवतार माना जाता है जो इस मंदिर की मुख्य देवता है। रानी सती देवी भारत में मारवाड़ी परिवारों की प्रमुख देवता हैं।
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करंजिया में स्थित मां मंगला मंदिर उड़ीसा की वास्तुकला का आदर्श उदाहरण है। यहाँ की मुख्य देवी मां मंगला है जो शक्ति की प्रतीक है तथा शक्ति की प्रमुख देवता हैं। मंदिर में देवी की मूर्ति है जिसके शरीर पर सुंदर कलात्मकता की गई है। मंदिर के सामने एक कक्ष या मंडप बनाया...
करंजिया में स्थित ठाकुर अन्कुलचंद्र मंदिर पर्यटन का एक प्रमुख आकर्षण है। इस मंदिर का निर्माण ठाकुर अन्कुलचंद्र के उपदेशों का प्रसार करने के लिए किया गया था। यह मंदिर अपने भक्तों को शांति और मिलजुल कर रहने का उपदेश देता है।
इस मंदिर के उपदेशकों का यह मानना...
जगन्नाथ मंदिर करंजिया से 133 किमी. की दूरी पर मयूरभंज जिले में बारीपाड़ा में स्थित है। यह हरिबलदेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के अंदर कई शिलालेख हैं जो यह बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण 1497 में भंजा शासकों द्वारा किया गया।
मंदिर बलुआ पत्थर का...
भीमकुंड एक प्राकृतिक जल सरोवर है जो करंजिया से 40 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहाँ प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक सुंदरता है तथा यहाँ के जल कुंड को बहुत पवित्र माना जाता है। किवदंतियों के अनुसार जब पांडव अपनी पत्नी द्रौपदी के साथ इन जंगलों से होकर गुज़र रहे थे तब भीम...