भीमकुंड एक प्राकृतिक जल सरोवर है जो करंजिया से 40 किमी. की दूरी पर स्थित है। यहाँ प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक सुंदरता है तथा यहाँ के जल कुंड को बहुत पवित्र माना जाता है। किवदंतियों के अनुसार जब पांडव अपनी पत्नी द्रौपदी के साथ इन जंगलों से होकर गुज़र रहे थे तब भीम (पांडवों में से एक भाई) ने इस कुंड में स्नान किया था।
तब से लेकर अब तक यह स्थान पवित्र माना जाता है तथा जनवरी के महीने में मकर संक्रांति के अवसर पर यहाँ अनेक लोग आते हैं तथा इस कुंड में डुबकी लगाते हैं। इस समय एक मेला भी आयोजित किया जाता है जिसे मकर मेला कहा जाता है। कुंड के पास एक शिव मंदिर भी स्थित है जिसे कुंडेश्वर कहा जाता है।
पास ही एक अन्य मंदिर स्थित है जिसे रंगबुरु मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर में मां रंगबुरु की पूजा करने के लिए अधिकाँश रूप से जनजातीय लोग आते हैं। सुंदर दृश्यों के कारण यह स्थान पिकनिक के लिए उचित स्थान है।