कारवार, भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी तट पर, गोवा जिले से सिर्फ 15 किमी. की दूरी पर स्थित है और यह कर्नाटक की राजधानी बंगलौर से 520 किमी. की दूरी पर स्थित है। यह उत्तर कन्नड़ जिले का जिला मुख्यालय है और यहां 15 वीं सदी के बाद से जीवंत व्यापार किया जाता रहा है।
कारवार एक प्राकृतिक बंदरगाह है जहां केरल के मसालों का खजाना भी अधिकांश: मात्रा में पाया जाता है। यह भारतीय नौसेना का प्रमुख हिस्सा है। कारवार के काफी पास, काली नदी स्थित है जो अरब सागर से जुड़ती है। यहां ही साधशिवागुड किला स्थित है जिसे काली नदी के पुल के पास ही बनवाया गया था। नदी, बांध और पास में ही स्थित किला और आसपास घने - घने लगे नारियल के पेड़ एक सुंदर दृश्य प्रदान करते है।
क्षेत्रीय संस्कृति और अन्य
कारवार में मुस्लिम और ईसाई जनसंख्या बहुत ज्यादा है और यहां टीपू सुल्तान के शासन के बाद से ऐसा हुआ। ब्रिटिश और पुर्तगाली शासन में कई मिशनरी यहां भ्रमण के लिए आते थे। कारवार के स्थानीय लोगों को उत्तर कन्नड़ के आदिवासी कहा जाता है और कुल आबादी की लगभग 55 प्रतिशत जनता कोंकण बोलती है न कि कन्नड़।
सांस्कृतिक रूप से देखा जाएं तो जो लोग कोंकणी बोलते है वो कर्नाटक से ज्यादा गोआ के नजदीक है। पूरे देश में गोआ में ही कोंकण राज्य है जहां कर्नाटक से चयनित लोग भी आते है।
कारवार और उसके आसपास स्थित पर्यटन स्थल
कारवार में मछली पालना और पर्यटन, दो प्रमुख व्यवसाय है। यहां एक बंदरगाह भी है। यहां के सुंदर तट, चमकीली रेत के साथ, नारियल और काजू के पेड़ों से घिरे बेहद सुंदर दिखते है और पर्यटकों को यहां आकर स्वर्ग के समान प्रतीत होता है। यहां आकर कई प्रकार के पानी के खेल जैसे - स्नॉर्कलिंग, स्वीमिंग, सर्फिंग और डाइविंग आदि का लुत्फ भी उठाया जा सकता है।
यहां कई सुंदर तट जैसे - देव बाग, कोदी और काजू बाग भी स्थित है जो इस स्थान को अधिक सौम्य बनाते है। यहां कई प्रकार के ऐतिहासिक मंदिर भी है। इसके अलावा चर्च और मस्जिद भी यहां पाएं जाते है। कारवार में आकर कई शासनकालों की वास्तुकला को आसानी से निहारा जा सकता है।
पिछले दशक में, भारतीस नौ सेना ने यहां एक बेस तैयार किया था और यह पोर्ट आम जनता के लिए सुरक्षा की दृष्टि से बंद किया गया है। हालांकि, हर साल नौसेना दिवस के दौरान इस बंदरगाह पर मनाएं जाने वाले उत्सव के दृश्य को देखा जा सकता है।
कारवार की यात्रा का सबसे अच्छा समय
कारवार की यात्रा का सबसे अच्छा समय सर्दियों के दौरान होता है।
कारवार तक कैसे पहुंचे
कारवार तक वायु, रेल और सड़क मार्ग के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।