कसौली हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में स्थित एक लोकप्रिय हिल स्टेशन है। समुद्र सतह से लगभग 1800 मीटर की ऊँचाई पर स्थित इस स्थान का वर्णन भारतीय महाकाव्य रामायण में किया गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार संजीवनी पहाड़ी से लौटते समय हिंदू भगवान हनुमान ने इस जगह पर कदम रखा था।
इस स्थान का नाम पर्वत की एक धारा के नाम पर पड़ा जो जबली और कसौली के बीच से बहती है और जिसे कौसल्या कहा जाता है। 19 वीं शताब्दी में कसौली गोरखा राज्य का महत्वपूर्ण भाग बन गया। बाद में ब्रिटिश लोगों द्वारा इस जगह को प्रमुख बटालियन शहर में बदल दिया गया।
यह वही स्थान है जहाँ स्थानीय लोगों सहित कई भारतीय ब्रिटिश सेना में शामिल हुए। 1857 में जब भारत की आज़ादी की पहली लड़ाई या सिपाही विद्रोह प्रारंभ हुआ तब कसौली ने भी भारत के सैनिकों के बीच एक विद्रोह देखा। इन लोगों ने गोरखा लोगों के साथ हाथ मिलाया परंतु बाद में गोरखाओं के विद्रोह से हटने के बाद उन लोगों ने उन्हें छोड़ दिया।
इन सैनिकों को ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा बेरहमी से दंडित किया गया। वर्तमान में कसौली भारतीय सेना के छावनी शहर के रूप में जाना जाता है। सेंट्रल रिसर्च इंस्टीट्यूट, कसौली क्लब और लॉरेंस स्कूल कसौली के कुछ प्रसिद्द पर्यटन स्थल है जो विश्व में भी प्रसिद्द हैं।
प्रकृति के बीच स्थित यह शहर इसके आकर्षणों जैसे क्राईस्ट चर्च, मंकी पॉइंट, कसौली भट्टी, बाबा बालक नाथ मंदिर और गोरखा फोर्ट (किला) के लिये भी जाना जाता है। यात्री परिवहन के विभिन्न प्रमुख साधनों जैसे वायुमार्ग, रेलमार्ग और रास्ते द्वारा कसौली पहुँच सकते हैं।
इस स्थान का निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ हवाई अड्डा है जो लगभग 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह हवाई अड्डा देश के अन्य हवाई अड्डों जैसे श्रीनगर, कोलकाता, नई दिल्ली और मुंबई से जुड़ा हुआ है। कसौली का निकटतम रेलवे स्टेशन कालका रेलवे स्टेशन है जो कसौली से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
हिमाचल प्रदेश के विभिन्न स्थानों से कसौली के लिये बसें उपलब्ध है। इस हिल स्टेशन की सैर साल में कभी भी की जा सकती है क्योंकि यहाँ की जलवायु परिस्थितियाँ अनुकूल होती हैं।