खजुराहो का पुरातत्व संग्रहालय शुरु में जार्डाइन संग्रहालय के नाम से जाना जाता था। 1952 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के बाद इसका नाम खजुराहो का पुरातत्व संग्रहालय रखा गया। 1910 में इसे श्री डबल्यू.ए. जार्डाइन ने बनवाया था। यह संग्रहालय बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इसमें खजुराहो के मंदिरों से लाई गई अनेक वास्तुकलाओं तथा मूर्तियों के अवशेष रखे हैं।
यह संग्रहालय मातंगेश्वर मंदिर के पास स्थित है। यह संग्रहालय एक खुली संरचना है जहाँ खजुराहो की मूर्तियाँ प्रदर्शित की गई हैं। यह संग्रहालय 1967 में बनाया गया था। इसमें पाँच बड़ी गैलरियाँ हैं। इसके मुख्य हाल में ब्राह्मण, बौद्ध और जैन धर्मों से संबंधित मूर्तियाँ रखी हुई हैं।
इस संग्रहालय में 2000 से अधिक शिलालेख हैं। बैठी हुई मुद्रा में बुद्ध की मूर्ति बहुत महत्वपूर्ण है। इस मंदिर की एक अमूल्य वस्तु है चार सिर वाले विष्णु भगवान जिन्हें बैकुंठ भी कहते हैं। खजुराहो आने पर यहाँ ज़रूर आएं।