घंटाय मंदिर मंदिरों के पूर्वी समूह से संबंधित ण्क जैन मंदिर है। स्थानीय भाषा में घंटाय का अर्थ है घंटी और मंदिर के स्तंभों पर बनी घंटी की नक्काशी के कारण इसका यह नाम रखा गया है। इसका निर्माण 950-1050ई. के आसपास किया गया था।
यह मंदिर फ्रीज़ के चित्रण के कारण प्रसिद्ध है जो महावीर की माँ के 16 सपनों का वर्णन करता है। इस मंदिर में एक गरुड़ पर सवार अनेक शस्त्रों वाले जैन देवता का चित्र भी बना है। इस पूर्वमुखी मंदिर की दीवारों पर सुंदर नक्काशियाँ बनी हुई हैं।
जैन धर्म के लोग ऐसा मानते हैं कि महावीर मुक्त आध्यात्मिक आत्मा के रूप में इस धरती पर आने अंतिम तीर्थंकर थे। इसी वजह से जैन धर्म के लोग इस मंदिर को बहुत मानते हैं। इस मंदिर का डिज़ाइन पाश्र्वनाथ मंदिर के जैसा है लेकिन आकार में यह दोगुना है। इस अनूठे मंदिर के चारों ओर अन्य जैन मंदिर भी हैं।