दादाजी दरबार, खंडवा के दक्षिणि पश्चिमी दिशा में स्थित है। इसे बहुत पवित्र और प्रार्थना का स्थान माना जाता है। यह महान संत स्वामी केशवानांदजी महाराज और स्वामी हरीहरानांदजी महाराज की पावन समाधि-स्तंभ है। जिन्हें क्रमानुसार “बडे दादाजी” और “छोटे...
गौरी कुंज, लोकप्रिय प्लेबैक गायक किशोर कुमार गांगुली के सम्मान में बनाई गई एक स्मारक है। यह स्थान इस महान गायक का जन्म स्थान है जिसके कारण किशोर कुमार गंगोपाध्याय और खंडवा के बीच एक खास रिश्ता है।
इस इमारत की नींव का पत्थर स्वर्गीय गायक के बडे भाई, अभिनेता...
इंदिरा सागर बांध एशिया की सबसे प्रतिष्ठित जल विद्युत परियोजना है। इस बहुउद्देशीय बांध को नर्मदा नदी के ऊपर बनाया गया है, जो खंडवा के नर्मदानगर में बहती है।
इस बांध की नींव का पत्थर 23 अक्टू्बर 1984 को पूव प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने रखा था। इस बांध...
जिला कलेक्ट्रेट भवन, खंडवा के प्रमुख आकर्षणों में से एक है। यह इमारत खंडवा की पूर्वी दिशा में स्थित है। जिला कलेक्ट्रेट भवन का निर्माण 1919 में किया गया, और आज भी इस इमारत ने अपनी महिमा और आकर्षण को बरकरार रखा है।
जिला कलेक्ट्रेट भवन को 15000 वर्ग मीटर...
खंडवा शहर का घंटाघर एक प्रमुख भूमि-चिह्न है। इस घंटाघर को मुल्तान का क्लॉक टॉवर भी कहा जाता है। इसका निर्माण 1884 में अग्रेंजों ने भारत में अपने शासनकाल दौरान किया। 1883 के नगरपालिका अधिनियम अनुसार, इस इमारत का मुख्य उद्देश्य एक कार्यालय के रुप में काम करना था।...
असीरगढ किला या असीगढ किले को अहीर राजवंश के राजा आसा अहीर ने बनाया था। पहले इस किले को आसा अहीर गढ कहा जाता था, लेकिन समय के साथ इस किला का नाम छोटा कर दिया गया, और आज अपने मौजूदा नाम से जाना जाता है। स्थानीय किंवदंतियों अनुसार, यह माना जाता है कि इस किले को बल से...
भवानी माता मंदिर, खंडवा शहर के दक्षिण-पश्चिमी दिशा में स्थित है और यह दादा दरबार के काफी करीब है। यह मंदिर माँ तुलजा भवानी को समर्पित है, जो हिंदू देवी पार्वती का एक अवतार है। अतः यह मंदिर तुलजा भवानी माता मंदिर के नाम से जाना जाता है।
इस मंदिर को बहुत...