सेंट फ्रांसिस चर्च भारत का पहला यूरोपियन चर्च है जिसका निर्माण 1503 में किया गया। कई हमलों और अनगिनत समझौतों के साक्षी इस चर्च को कोच्चि के सांस्कृतिक इतिहास में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। यह चर्च कोच्चि किले के बाजू में स्थित है।
इस चर्च के साथ एक बहुत महत्वपूर्ण रोचक तथ्य यह जुड़ा हुआ है कि यह महान पुर्तगाली नाविक वास्को दा गामा से जुड़ा हुआ है। गामा जिनका निधन 16 वीं शताब्दी में हुआ था उन्हें सेंट फ्रांसिस चर्च में दफनाया गया। चौदह वषों के बाद उनके शव को लिस्बोन ले जाया गया। चर्च का निर्माण पहले लकड़ी द्वारा किया गया था।
हालांकि 1506 में फ्रांसीसी भिक्षुओं ने गारे और ईंटों का उपयोग करके इस चर्च का पुन: निर्माण किया। नए चर्च का निर्माण 1516 में पूर्ण हुआ। जब प्रोटेस्टेंट डच लोगों ने शहर पर आक्रमण किया तो उन्होंने रोमन कैथोलिक चर्च को उद्ध्वस्त नहीं किया। बाद में 1804 में डच लोगों ने चर्च को अन्ग्रेज़ी चर्च के लोगों के नियंत्रण में दे दिया और फिर यह चर्च सेंट फ्रांसिस को समर्पित कर दिया गया।