समुद्र तल से 1343 मीटर की ऊंचाई पर स्थित कोदाचादरी में भारत का सबसे मशहूर मंदिर, कोल्लूर मूकाम्बिका मंदिर है। कोदाचादरी पहाड़ की चोटी घने जंगलों के बीच से निकलती है और यह जगह शिमोगा जिले के मूकाम्बिका नेशनल फोरेस्ट में स्थित है। यह बंगलुरु से 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
पगडंडी रास्ता और दूसरे आकर्षण
चोटी पर देवी बसती हैं, और यह चोटी नियमित और तेज़ हवाओं के कारण बंजर रहती है। संकटग्रस्त वनस्पति और जानवर का घर होने के अलावा इस जंगल में काफी बड़ा ट्रैक है। यहां पर ट्रेकिंग काफी मुश्किल है, हालांकि यह नौसिखियों के लिए उपयुक्त है। कोदाचादरी अपने मनोहर परिवेश के लिए जाना जाता है और जंगल में मालाबार लंगूर, किंग कोबरा, हाईना, बिसोन और पायथोन भी देखने को मिलते हैं।
कोदाचादरी 'सर्वजनपीत' के नाम से भी जाना जाता है और यही एक मुख्य कारण है जिसकी वजह से यह मशहूर है। यह कहा जाता है की महान फिलोसोफर आदि शंकराचार्य ने यहां पर ध्यान लगाया था। कोदाचादरी जाने का सबसे सही समय
कोदाचादरी जाने का सबसे सही समय अक्टूबर से मार्च तक होगा, और इन बेढंगी सड़कों पर जीप से सफर करना सबसे सही तरीका होगा। कोल्लूर से जीप किराए पर मिल जाएंगी। आपके कोदचारी ट्रिप के दौरान आपको जोंक से सावधान रहना होगा क्योंकि घने वनस्पति के कारण यह यहां भारी मात्रा में मिलते हैं।
कैसे जाएं कोदाचादरी कोदाचादरी जाने का सबसे सही समय गर्मियों का मौसम है।