कोडुन्गल्लुर के दक्षिण में स्थित तिरुवंचिक्कुलम महादेव मंदिर दक्षिण भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक है। गोपुरम, थेवर, दक्षिणामूर्ति, पशुपति, नाटक्कल शिवं, संध्यावेला शिवं, पल्लियारा शिवं, उन्नी थेवर और कोनाक्कल शिवं इस मंदिर में भगवान शिव के पाए जाने वाले प्रमुख रूप हैं। इस मंदिर का इतिहास लगभग 2000 वर्ष पुराना है और भगवान शिव के प्रमुख रूपों के लिए जाना जाता है।
यह मंदिर कई लोगों को आकर्षित करता है क्योंकि यहाँ एक दुर्लभ प्रतियोगिता होती है जिसे अनायोत्तम या हाथियों की दौड़ कहा जाता है। यह दौड़ मंदिर के वार्षिक उत्सव का एक भाग होती है जिसे देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं। इस मंदिर में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौहारों में महाशिवरात्रि है।
इस मंदिर के परिसर में कई देवी देवताओं को समर्पित छोटी मूर्तियां हैं। यह मंदिर अपने उत्कृष्ट भित्ति चित्रों के लिए जाना जाता है। तिरुवंचिक्कुलम महादेव मंदिर एक स्मारक है जिसका संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कर रहा है।