कोलार जिले की यात्रा करने वालों को कोलारम्मा मंदिर की सैर अवश्य करनी चाहिए जो देवी पार्वती (कोलारम्मा) को समर्पित है। यह अंग्रेज़ी के एल अक्षर के आकार का मंदिर है जो द्रविड़ विमान वास्तु शैली में बना है। यह लगभग 1000 वर्ष पुराना मंदिर है जिसका निर्माण चोल वंश ने किया था। मैसूर के पूर्व राजा इस मंदिर में देवी कोलारम्मा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए आते थे।
इस मंदिर की सैर करने पर पर्यटक ग्रेनाईट के पत्थरों की नक्काशी और मूर्तियों को देखकर अचंभित हो जाते हैं। स्कॉर्पियन (बिच्छू) देवी चेलम्मा कोलारम्मा मंदिर की एक अन्य देवता है। स्थानीय विश्वास के अनुसार देवी चेलम्मा बिच्छू के काटने से भक्तों की रक्षा करती है।
यहाँ एक हुंडी (कन्नड़ भाषा में) या कुआं भी है जिसमें भक्तों द्वारा चढ़ाई गई भेटें एकत्र की जाती हैं। एक परंपरा के अनुसार भक्तों को यहाँ खुले फर्श पर एक सिक्का डालना पड़ता है।