कोणार्क का वैष्णव मन्दिर सूर्य मन्दिर परिसर के अन्दर स्थित एक सुन्दर मन्दिर है। ये उन छोटे-छोटे मन्दिरों में से एक है जो सूर्य मन्दिर के मुख्य मन्दिर को चारों ओर स्थित हैं। यह उन दो मन्दिरों में से एक है जो प्रकृति की विध्वंसकारी शक्तियों को पराजित कर आज भी सूर्य मन्दिर के पास गर्व से खड़े हैं।
लेकिन वैश्णव मन्दिर की मुख्य इमारत नहीं है। यह मन्दिर 1956 में खोजा गया था। यह मन्दिर बड़ी-बड़ी ईंटों को चूने तथा बालू के साथ जोड़कर बनाया गया है। मन्दिर को घोड़े और हाथियों के असाधारण चित्रों द्वारा सजाया गया है। वैश्णव मन्दिर की नक्काशी जीवन के हर्षोल्लास को दर्शाता है। यह वह स्थान है जहाँ सूर्य मन्दिर ने वाले पर्यटक अवश्य आते हैं।