कोटा बैराज, समकालीन अवधि का एक इंजीनियरिंग चमत्कार माना जाता है जो शहर की कई आवश्यकताओं की पूर्ति के उद्देश्य से बना था। यह राजस्थान और मध्यप्रदेश के किसानों के लिए पानी का प्रमुख स्त्रोत है। इसके अलावा, यह बैराज, पानी में शक्ति पैदा करने की उल्लेखनीय क्षमता के कारण भी जाना जाता है। 1960 के चंबल घाटी परियोजना के तहत बनने वाला यह चौथा बांध था। इस बांध की कुल भंड़ारण क्षमता 99 मिमी. क्यूव है। यह बांध 27,332 वर्ग किमी. के जलग्रहण क्षेत्र में फैला हुआ है।