लांगवड शोला, दो नामों से मिलकर बना है अथवा यह दो वन्य जीवों की प्रजातियों की ओर ध्यान को ले जाता है- एक भारतीय भैंसा तथा दूसरा गादुर। लांगवुड शोला कोटागिरी में स्थित प्राकृतिक रूप से हरे भरे सदाबहार वन हैं, जहां ये दोनों वन्य जीव मुख्य रूप से पाये जाते हैं।इनके अलावा भी, अन्य पशु-पक्षियों की विभिन्न प्रजातियां भी यहां देखने को मिलती हैं तथा यह नीलगिरी के प्राकृतिक तंत्र के संतुलन को बनाये रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
यह क्षेत्र पक्षियों की कई दुर्लभ व लुप्तप्राय प्रजातियों का वास स्थल होने के कारण पक्षी प्रेमियों के लिए एक आदर्श स्थान है। लांगवुड शोला वास्तव में कभी नीलगिरी में बसे शोला वन के अवशेष हैं। यहां कई किस्म के सदावहार वन हैं, इसलिए यह स्थान ट्रैकिंग अभियान के लिए आदर्श है।
ये वन लगभग 116 हेक्टेयर में फैले हुए हैं तथा प्राकृतिक संतुलन में इनकी भूमिका को देखते हुए इन्हें अच्छी तरह से संरक्षित किया गया है।