कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर वेल्लायनी में स्थित है, और मई 1955 में इसका उद्घाटन किया गया था। सीखने-सिखाने का यह केंद्र कृषि के विभिन्न क्षेत्रों में स्नातक और स्नातकोत्तर, दोनों तरह के कार्यक्रम उपलब्ध कराता है। इस विशिष्ट संस्था उस जमीन पर खड़ी है जहाँ पहले कोचीन राज्य के ट्रावनकोर के शाही परिवारों का एक महल था।
आज, कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर भारत के अन्य प्रमुख कृषि संस्थानों के बराबर है। इस कॉलेज में अनुसंधान अध्ययन कर रहे छात्रों के लिए सबसे अच्छी सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहाँ छात्रों को वे सारी सुविधाएं दी जाती हैं जिससे वे अपने द्वारा चुने गए पेशे को और बेहतर बनाने के योग्य बन सकें।
सैद्धांतिक ज्ञान के साथ छात्रों को देश भर के कृषि भवनों के साथ संलग्न करके व्यावहारिक अनुभव भी कराया जाता है। वास्तव में यह सिर्फ इस शैक्षिक संस्था के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि समस्त भारत के उन छात्रों के लिए साउथ एक लोकप्रिय स्थान बन चुका है जो एग्रीकल्चर के क्षेत्र में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं।