कुंभकोणम का कुम्बेस्वर मन्दिर भगवान शिव को समर्पित है और महामहाम का वार्षिक उत्सव इसी मन्दिर में मनाया जाता है। मन्दिर कम से कम 1300 साल पुराना है। मन्दिर 7वीं शताब्दी से अस्तित्व में है जब शहर पर चोलों का शासन था। मन्दिर का उल्लेख 7वीं शताब्दी में तमिलनाडु के सन्त कवि द्वारा रचित साईवनायानार के श्लोकों में मिलता है।
15वीं से 17वीं शताब्दी के बीच नायक शासकों द्वारा इस मन्दिर में बहुत काम किया गया और इसका विस्तार भी किया गया। आज, यह शहर का सबसे बड़ा शिव मन्दिर है जिसमें कि एक 125 फीट ऊँचा नौ मन्जिला विशाल खम्भा राजागुपुरम् प्रवेशद्वार पर स्थित है। मन्दिर परिसर के अन्दर ही तीन विशाल सकेन्द्रीय परिसर हैं।
भगवान शिव के आदि कुम्बेस्वर के रूप में पूजा जाता है और देवता की मूर्ति मन्दिर के गर्भगृह में बीचो-बीच में स्थित है।