मम्मदेव मंदिर का निर्माण राजा राणा कुम्भा ने वर्ष 1460 में करवाया था। यह तीर्थ कुम्भलगढ़ किले के नीचे स्थित है और इसमें चार तख्ते हैं। पर्यटक तख्तों पर खुदे हुए शिलालेख देख सकते हैं जो मेवाड़ का इतिहास बताते हैं। यहाँ इतिहास गुहिल के काल से प्रारंभ होकर राणा कुम्भा के समय तक लिखा गया है। गुहिल मेवाड़ के संस्थापक थे।
वर्तमान में ये तख्ते उदयपुर के संग्रहालय में सुरक्षित रूप से रखे हुए हैं। पर्यटक मंदिर के भीतर धन के देवता कुबेर की छवि एवं दो कब्रों को देख सकते हैं। ये कब्रें राजा राणा कुम्भा एवं पृथ्वीराज चौहान की याद में बनाई गई हैं। एक सुंदर, बड़ा जलाशय मंदिर के करीब स्थित है।