कल्पना चावला ने देश को अपनी ऐतिहासिक अंतरिक्ष यात्रा से सदैव गौरवान्वित किया है। कल्पना चावला का जन्म हरियाणा के करनाल में हुआ था। सरकार ने कल्पना चावला मेमोरियल प्लानेटेरियम को उनकी याद में उन्हे श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बनवाया था। उनकी मृत्यु अंतरिक्ष यात्रा से वापसी के समय एक दुर्घटना में हो गई थी। इस तारामंडल में उनके जीवन से जुडी कई बातों और उनके अंतरिक्ष कॅरियर के बारे में जानकारी दी गई है।
इस इमारत को अति आधुनिक तरीके से अल्ट्रा - मॉर्डन ऑप्टो मैकेनिकल और डिजीटल प्रोजेक्ट्रर्स के हिसाब से बनाया गया है और इस तारामंडल के चारों ओर लेटेस्ट साउंड सिस्टम को लगाया गया है। यह इमारत 12 मीटर गुंबद से बनी है जहां एक दिशा में 120 पर्यटक बैठ सकते है।
यह तारामंडल, पूरी तरह से वातानुकूलित है और यहां दो कार्यक्रम दिखाए जाते है जिनके नाम एस्ट्रोनॉट और ओसिस है जिनमें अंतरिक्ष के बारे में आम जनता को जानकारी दी जाती है।
इस तारामंडल में एक परमानेंट गैलरी है जो अंतरिक्ष के बारे में कई कार्यक्रमों को दिखाती है जिनके नाम होते है - एक वॉक थ्रु टाईम, डे एंड नाइट, योर वेट ऑन वेरियस प्लानेट, सेशन ऑन अर्थ, वर्ड टाइम, अवर एड्रेस इन यूनीवर्स, अवर सोलर सिस्टम, बियांड सोलर सिस्टम, एस्ट्रो - क्वीज और जोडियाक साइन आदि। गैलरी का एक विशेष हिस्सा तस्वीरों से भरा पड़ा है जिसमें डा. कल्पना चावला के जीवन से जुडे कई पलों की तस्वीरें लगी हुई है।