इंडो - जापान - श्रीलंका मंदिर, तीन देशों के बौद्ध अनुयायियों के सहयोग को इंगित करता है। वास्तव में इस मंदिर में भगवान बुद्ध की अष्ट धातु मूर्ति ( आठ धातुओं को मिलाकर बनाने वाली मूर्ति ) स्थापित है जिसे जापान से लाया गया था और इसके निर्माण के लिए जापानी राजशाही के द्वारा वित्त पोषिण दिया गया था।
जब इस मूर्ति को जापान से आयात किया गया था, तब यह दो टुकड़ों में थी, जिसे बाद में स्थापना के दौरान जोड़ दिया गया। इस मंदिर की डिजायन और निर्माण, अटेगो ईस्सहीन विश्व बौद्ध सांस्कृतिक एसोसिएशन द्वारा बनाई गई थी। मंदिर में भगवान बौद्ध की अष्टधातु की मूर्ति एक अनूठे, चमकदार, भव्य और कांच के भव्य परिपत्र में रखी गई है, इस विशेष स्थल का वातावरण बेहद आध्यात्मिक है।
यहां आकर श्रद्धालु शांतिपूर्ण वातावरण में दर्शन कर सकते है। बुद्ध भगवान की इस प्रतिमा को जापानी शैली में तैयार किया गया है जिसमें जापानी शैली की प्रमुखता वाले दस मुख्य भिकुस के द्वारा चित्रित किया गया है।