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लक्षद्वीप- एक दर्शनीय सनसनी

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कहते हैं कि मालदीव में माले एक उष्णकटिबंधीय स्वर्ग है। हम पूछते हैं कि, क्यों कोई कुछ सौ किलोमीटर की यात्रा करके यहाँ नहीं आना चाहेगा ये स्थान केरल से 250 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है जो छुट्टी बिताने के लिए एक परफेक्ट जगह है ? यहाँ पहुँचने के लिए आपका भारतीय वीजा भी आपकी पूरी मदद करता है । लक्षद्वीप जो पहले लक्कादीवस के नाम से जाना जाता था, 39 द्वीपों और छोटे द्वीपों का एक समूह है, जो तेजी से एक पर्यटक आकर्षण बन गया है, विशेष रूप से ये जगह उन लोगों के लिए जो प्रकृति को पसंद करते हैं और एकंतमय सूरज और रेत के आस पास छुट्टी मनाने का विचार कर रहे हैं।

लगभग 4200 वर्ग किलोमीटर से अधिक लैगून क्षेत्र और 36 वर्ग किलोमीटर से अधिक के द्वीप समूह वाला ये क्षेत्र यहाँ आने वाले हर एक पर्यटक को कुछ न कुछ देता है या यूँ भी कहा जा सकता है की यहाँ आने वाले पर्यटक को अपने लिए यहाँ हर वो चीज मिलेगी जिसकी उसे तलाश है ।  द्वीप का समुद्र तट 132 किलोमीटर लम्बा होने के कारण है,इस जगह को वॉटर स्पोर्ट के लिए एक बेहतरीन जगह माना जाता है ।

लक्षद्वीप का इतिहास

15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता  के बाद लक्षद्वीप जो तब अंग्रेजों के कब्जे में था, भारतीय संघ में शामिल किया जाने वाला था।  हालांकि, द्वीप पर मुख्य रूप से मुस्लिम आबादी होने के कारण, सबको यही चिता थी की कहीं पकिस्तान इसे अपने में शामिल न कर ले और ऐसा माना जा रहा था की उस समय किसी भी वक़्त पाकिस्तान इस द्वीप पर अपने अधिकार की घोषणा कर सकता है।

इस महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर तत्काल प्रभाव से संज्ञान लेते हुए उस समय  भारत के गृह मंत्री ने भारतीय नौसेना के जहाजों को इस द्वीप पर भेजा जिन्होंने द्वीप पर भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया, जिसके कुछ घंटों बाद पाकिस्तान नौसेना को क्षेत्र के आसपास जांच करते हुए देखा गया था। वर्तमान में मध्य पूर्वी क्षेत्रों में भारतीय जहाजों की सुरक्षा की दृष्टी से लक्षद्वीप आज भारतीय नौसेना का प्रमुख अड्डा है।

द्वीप पर मज़ा और मौजमस्ती 

लक्षद्वीप को एक पर्यटन स्थल के रूप में सफलता दिलाने और उसका समर्थन करने का एक प्रमुख कारक स्वयं यहाँ की  प्रकृति है। जो आज भी इन द्वीपों में संरक्षित है । कुछ लोगों का तो यहाँ तक मानना है की यहाँ आज भी प्रकृति उतनी ही संरक्षित है जितनी तब थी जब इस द्वीप की खोज हुई थी । अगर बात यहाँ के प्रमुख द्वीपों की हो तो  यहाँ के   दो प्रमुख द्वीप हैं अगट्टी जो लक्षद्वीप के घरेलू हवाई अड्डे का घर है और बंगाराम, जो एक पसंदीदा पर्यटक स्थल होने के अलावा शराब के खपत की  अनुमति देता है यहाँ के किसी भी अन्य द्वीप पर आप शराब का सेवन नहीं कर सकते हैं ।

द्वीप पर समुद्री भोजन की गुणवत्ता असाधारण है जो की मछली और बाकी का  समुद्री भोजन है जिसके स्वाद की कोई तुलना नहीं की जा सकती । सी फूड सामान्य रूप से द्वीप से बड़ी संख्या में निर्यात किया जाता है।  द्वीप पर टूना मछली की अधिकता होने के कारण ये टूना मछली के मामले में एक बहुत ही समृद्ध है साथ ही इस मछली का इस्तेमाल करके बनाए गए व्यंजन अद्वितीय हैं।  लक्षद्वीप का पूरा समायोजन ऐसा है जो आपको आश्चर्यचकित होने से नहीं रोक पाएगा दूसरे शब्दों में ये भी कहा जा सकता है की इस जगह के निर्माण का असल मकसद भीड़ भाड़ भरी ज़िन्दगी से लोगों को निजात देना था यहाँ आप एकांत की तलाश कर वहां अच्छे से अपना वक़्त बिता सकते हैं ।

यहाँ घूमने आने वालों के लिए  मछली पकड़ना अपनी थकान दूर करने के लिए एक शानदार तरीका है जिसके चलते लक्षद्वीप में मछली पकड़ने के लिए कई अवसर प्रचलित हैं। लक्षद्वीप आने वालों के लिए  स्कूबा डाइविंग हमेशा  ही एक लोकप्रिय पर्यटक गतिविधि रही है।  सबसे अनुभवी गोताखोरों द्वारा लक्षद्वीप को गोताखोरी करने के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक जाना जाता है या ये भी कहा जा सकता है की येगोताखोरों का मक्का है।  पवित्र मात्रा में रीफ, प्रचुर मात्रा में समुद्री जीवन विशेष रूप से गेम फिश और समुद्री कछुओं और कुशल प्रशिक्षकों द्वारा  डाइविंग ये सब वो कारण है जो इस जगह को और स्थानों से अलग उर जुदा बनाते हैं इन्ही कारणों से ये घूमने के लिए एक आदर्श जगह है ।

आम तौर पर,  यहाँ 30 मीटर तक की गहराई में गोता लगाने की अनुमति है, लेकिन असाधारण परिस्थितियों में, पर्यटक 15 मई से 15 सितंबर तक अधिक गहराई में गोता लगाने का लाभ उठा सकते हैं।  आप में से वो लोग जो अब स्कूबा को  संपूर्ण तौर पर अनुभव करना चाहते हैं तो आप यहाँ जरूर आएं । इस द्वीप पर गोता लगाने का अपना एक अलग ही सुख है । यहाँ आप केवल श्वास नली का उपयोग और बिना किसी स्कूबा गीयर का इस्तेमाल करते हुए गोता लगा सकते हैं । एडवेंचर के शौक़ीन लोगों के लिए यहाँ बहुत कुछ है अतः वो एक बार यहाँ जरूर आएं । यहाँ का साफ़ सुथरा पानी और उसके अन्दर का जीवन रंग बिरंगी मछलियां आपका मन मोहने के लिए काफी हैं । 

यहाँ के लागून नीले रंग के हैं इनको देखने पर ऐसा लगता है मानो कोरल अपने पूरे शबाब पर चमक रहा है। इसकी चमक बस देखते ही बनती है । लक्षद्वीप में बने रिसॉर्ट्स आपकी छुट्टी को और भी बेहतर बनाते हैं साथ ही यहाँ पर मौजूद मलाईदार समुंदरी तट और लहराते  नारियल के पेड़ों  को देखकर आपकी सांसे थम जाएंगी जिसके चलते आपका मन यहाँ से जाने का नहीं होगा । लक्षद्वीप विश्व के उन चुनिन्दा द्वीपों में से एक है जो आपको शांति तो देते ही है साथ ही यहाँ आपको एक अलग ही प्रकार के दैवीय सुख  की प्राप्ति होगी। 

 

 

लक्षद्वीप इसलिए है प्रसिद्ध

लक्षद्वीप मौसम

घूमने का सही मौसम लक्षद्वीप

  • Jan
  • Feb
  • Mar
  • Apr
  • May
  • Jun
  • July
  • Aug
  • Sep
  • Oct
  • Nov
  • Dec

कैसे पहुंचें लक्षद्वीप

  • सड़क मार्ग
    लक्षद्वीप के द्वीपों को सड़क के माध्यम से पहुँचा नहीं जा सकता है।
    दिशा खोजें
  • ट्रेन द्वारा
    There is no railway station available in लक्षद्वीप
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  • एयर द्वारा
    किंगफिशर एयरलाइंस और एयर इंडिया दो दक्षिण भारतीय शहरों क्रमश: बंगलौर और कोचीन से अगट्टी द्वीप के हवाई अड्डे के लिए प्रस्थान करते हैं। इसके अलावा, इन द्वीप समूह के महत्वपूर्ण द्वीपों में से एक, बंगाराम में भी द्वीपों के बीच यात्रा के लिए एक हवाई अड्डा है।
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