850 फीट की ऊंचाई पर बसा यह शहर यहां बने हुए गड्ढ़े के कारण जाना जाता है। लोनार के इस गड्ढ़े का निर्माण प्लेइस्तोसने युग के दौरान पृथ्वी की सतह पर उल्का गिरने के कारण हुआ था।यह लगभग 52,000 साल पहले की बात है। कई सदियां और साल गुजरने के बाद यह गड्ढ़ा एक झील में बदल गया जिसे आज हम लोनार झील के नाम से जानते है।
कहा जाता है कि पद्म पुराण, स्कंद पुराण और आइन-ए-अकबरी में भी इस गड्ढ़े के बारे में उल्लेख किया गया है। जानकारी के अनुसार एक ब्रिटिश अधिकारी जेई अलेक्जेंडर ने सबसे पहले इस गड्ढे के बारे में खोजबीन की थी।
यह क्रेटर 52,000 साल पहले बन गया था। झील बन जाने के बाद यहां का व्यू देखने में काफी आकर्षक और सुंदर लगता है। पास में ही 3 किमी. की दूरी पर कमला माता मंदिर भी स्थित है।