माहे दक्षिण भारत में पांडिचेरी के संघ राज्य क्षेत्र में स्थित एक शहर है।सिर्फ 9 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में विस्तारित, माहे केरल से तीन तरफ से घिरा हुआ है।इसी वजह से इसकी भाषा और भोजन में राज्य का प्रभाव दिखाई पड़ता है। 35,000 से अधिक निवासियों के इस माहे शहर की साक्षरता दर 98.35% है जो पूरे देश में सबसे अधिक साक्षर नगर पालिकाओं में से एक है।यह शहर 1954 तक विदेशी शासन (फ्रेंच) के अधीन था तथा फ्रांसीसी संस्कृति के अवशेष यहां की आबादी तथा वास्तुकला में दिखाई पड़ते हैं।1855 में बना “ द गवर्नमेंन्ट हाउस” इसका एक प्रमुख उदाहरण है।
शहर के फ्रेंच मूल
बर्ट्रेंड फ्रेंकोइस माहे डे ला बोर्डेनिस, भारत में एक फ्रेंच नीति के प्रमुख निर्माता का शहर के नाम से गहरा नाता है।शहर की उत्पत्ति से सम्बन्धित दो अलग-अलग लेखे हैं: पहले के अनुसार इसका यह नाम फ्रांसीसियों के सम्मान में रखा गया तथा दूसरे उल्लेख में कहा गया है कि काउन्ट डि ला बौर्डोनेस नें पहले से चले आ रहे नाम को ही अपना लिया था और या इन दोनो में से कुछेक।
माहे के आस-पास पर्यटन स्थल
माहे पल्ली या चर्च आसपास के क्षेत्र में ईसाइयों का एक बेहद लोकप्रिय धार्मिक आस्था का केंद्र है। माहे बोट हाउस यहां का एक प्रमुख आकर्षण है। यहां इसमें स्पीडबोट्स,पैडलबोट्स तथा केयाक्स हैं। यहां साल भर पर्यटक शहर के शांत परिदृश्यों का आनंद लेते हुए दिखाई पड़ते हैं।
माहे की यात्रा करने का सर्वश्रेष्ठ समय
माहे जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम अक्टूबर से मार्च तक रहता है।
माहे कैसे पहुँचें
माहे वायु, रेल और सड़क मार्ग से देश के अन्य प्रमुख शहरों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।