इस गोम्पा का निर्माण 1960 में करवाया गया था जो बुद्ध धर्म का तीर्थ स्थल है। कई शहरों जैसे - स्पीती, लद्धाख, किन्नौर, लाहौल आदि से बुद्ध धर्म के लोग यहां आते हैं और मठ में बैठकर ध्यान लगाते हैं।
पर्यटकों को यहां की पेटिग्ंस और...
सोलांग घाटी मनाली की प्रसिद्ध और नामीगिरामी पर्यटन स्थल है। 300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित यह घाटी पर्यटकों के कौतूहल को बढ़ा देती है। इस घाटी को स्नो प्वांइट के नाम से भी जाना जाता है। यह व्यास कुंड और सोलांग घाटी के बीच में ही स्थित है।
...मनाली के बीचों-बीच शहर में माल रोड़ है जहां पर्यटक शापिंग का जमकर लुत्फ उठा सकते हैं। सेंट्रल मार्केट में स्थ्िात इस माल रोड़ में आकर पर्यटक जमकर शापिंग करते हैं। यहां से पर्यटक कल्लू कैप, शॉल और अन्य ऊनी कपड़े भी खरीद सकते हैं।
इस रोड़...
इन्द्रासन पीक, समुद्र तल से 6223 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है, जो एक लोकप्रिय ट्रैकिंग स्टाल है ये जगह लाहौल और स्पीति जिले में स्थित है। ये पीक पार्वती और व्यास नदी के बिलकुल बीचों बीच में स्थित है। यहाँ आने वाले पर्यटक बर्फ से ढकी चोटियों को देखकर उसकी...
यह मंदिर पुराने मनाली क्षेत्र के व्यास नदी के तट पर स्थित है मुख्य बाजार से इस मंदिर की दूरी 3 किमी. है। किंवदतियों के अनुसार, मनु संसार का पहला मनुष्य था जिसे भगवान ब्रहमा ने बनाया था। भक्तों के अनुसार, मंदिर में मनु के धरती पर पड़े पहले...
यह चोटी पीर पंजाल रेंज में आती है जो समुद्र स्तर से 5289 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। मनाली आने वाले सभी पर्यटकों के लिए यह चोटी दर्शनीय स्थल है। यह पीक व्यास कुंड क्षेत्र में सोलांग नाला के पास वाली सड़क पर ही स्थित है। यह गंतव्य स्थल...
गुलाबा एक सुंदर स्थल है जो मनाली से 20 किमी. की दूरी पर स्थित है। सर्दियों के दौरान यह जगह बंद रहती है क्योंकि भारी बर्फवारी के कारण यहां के रास्ते ब्लॉक हो जाते हैं। लेकिन मनाली से रोहतांग तक का रास्ता फरवरी अन्त और मार्च के शुरूआत...
कोठी, मनाली से 16 किमी. की दूरी पर स्थित है जो समुद्र स्तर से 2500 मीटर की ऊंचाई पर है। कोठी एक सुंदर सा गांव है। यहां स्थित कोठी जार्ज को पर्यट बहुत पसंद करते हैं क्योकि इस प्वाइंट से पर्यटक डीप जार्ज और व्यास नदी के खुबसूरत नजारे को...
यह एक मठ है जो बौद्ध धर्म का प्रमुख तीर्थ स्थल है। इस मठ का निर्माण 1960 में करवाया गया था। हर साल हजारों पर्यटक तिब्बत से यहां मठ में दर्शन करने आते हैं। इस मठ का मुख्य आकर्षण मठ की छत है जो पीले रंग की पैगोडा स्टाइल में बनी हुई है और देखने...
मनाली में एक चिडि़याघर है जो पर्यटकों का खासा लुभाता है। यह हिमाचल प्रदेश की बर्ड सेंचुरी भी है। इस जू में मोनाल के कई प्रकार पाएं जाते हैं। वयस्क मेल मोनाल, गहरे रंग के होते है जिनके शरीर पर क्रिस्ट होते है जो मल्टीकलर के होते हैं।
जबकि...
नेहरू कुंड, मनाली से 6 किमी. की दूरी पर मनाली - केलांग वाले रोड़ पर स्थित है। यह एक प्राकृतिक झरना है। इस कुंड का नाम भारत के पहले प्रधानमंत्री के नाम पर स्थित है। कहा जाता है कि मनाली जाते समय उन्होने इसी हुंड से पानी पिया था। मनाली जाते इस कुंड में...
यह अभयारण्य 31.8 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है जो मनाली का मुख्य आकर्षण केंद्र है। इस सेंचुरी का उद्घाटन 26 फरवरी 1954 में किया गया था। इस अभयारण्य को पंजाब बर्ड और वाइल्ड एनीमलस प्रोटेक्शन एक्ट, 1933 के तहत खोला गया है।
...मनाली से 14 किमी. दूर सोलांग घाटी में स्कीइंग का मजा उठाया जा सकता है। इस घाटी में दो ढ़लान हैं जिन्हे नौसिखिए स्कीयर के लिए एकदम सही माना जाता है। पर्यटकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए यहां दो लिफ्टों को भी बनवाया गया है। पर्यटक यहां के मरही, गुलाबा,...
माउंटेन बाइकिंग मनाली के लोकप्रिय खेलों में से एक है! यह गंतव्य एक आदर्श माउंटेन बाइकिंग स्थक है और यहाँ से एक खेल का लुत्फ़ लेते हुए लाहौल ,स्पीति, रोहतांग दर्रा, और लद्दाख जाया जा सकता है।अगर यहाँ माउंटेन बाइकिंग के उत्तम समय कि बात की जाये तो...
इस झील का हिंदू धर्म में धार्मिक महत्व है। यह झील हिमालय नदी के तट पर स्थित है जिसे ऋषि भृगु के नाम पर जाना जाता है। ऋषि भृगु, हिंदू धर्म में माने जाने वाले 7 ऋषियों में से एक है। स्थानीय लोगों के अनुसार, ऋषि भृगु ने इस झील के किनारे ध्यान लगाया...