बाघ गुफाएं, मांडू के पास में ही स्थित है जो नौ गुफाओं के समूह है और बौद्ध धर्म से जुड़ी हुई है। इन गुफाओं की भीतरी दीवारों पर सुंदर अलंकरण बना हुआ है जो मांडू में देखने लायक स्थल है। इन गुफाओं को सही से दिनांकित नहीं किया जा सकता है लेकिन फिर भी यह लगभग 400 से 700 ई.पू की होगी। सबसे खास बात यह है कि यह गुफाएं आज तक प्रकृति की मार से बची हुई है और इतने लम्बे समय होने के बावजूद भी उल्लेखनीय है।
गुफा शब्द का इस्तेमाल यहां थोड़ा सा असहज है क्यों कि यह गुफाएं कम और बौद्ध धर्म के मठ ज्यादा है। यह प्राकृतिक रूप से नहीं बल्कि मानव द्वारा निर्मित है, इंसानों ने इसे पत्थरों और चट्टानों को काटकर बनाया है। इसे विंध्य के रॉक चेहरे के रूप में काटाकर बनाया गया है। यह गुफाएं, बनावट में अंजता की गुफाओं से काफी मिलती - जुलती है।
सभी गुफाएं लेआउट में एकसमान है जहां चतुष्कोणीय कमरे और एक छोटा सा चैंबर है, साथ ही एक प्रार्थना कक्ष भी है। इन गुफाओं की सैर कई हजार साल पुरानी पेंटिग्स को देखने के लिए अवश्य करना चाहिए।