रूपायन संग्रहालय, उन स्थानों में से एक है जहां पर्यटक अक्सर जाया करते है। इस संग्रहालय में कई विशेष वस्तुओं को दर्शाया जाता है जो यहां स्थायी और अस्थायी होती है। इस प्रदर्शनी में विज्ञान, कला और शिल्प, विकास या यहां तक कि इतिहास को भी दर्शाया जाता है।
इस संग्रहालय में मांडू के शहर और गांव व पूरी दुनिया की जीवन शैली को दर्शाया गया है। यहां सालों से चले आ रहे समय और संस्कृति को भी दर्शाया गया है। इस संग्रहालय में जीवन को संकुचित रूप में देखा जा सकता है। रूपायन संग्रहालय में स्थानीय लोगों के द्वारा इसतेमाल किए जाने वाले उपकरण और स्वदेशी शिल्प को भी प्रर्दशित किया जाता है जो स्थानीय लोगों के जीवन को बेहतर बनाते है और उनकी जीविका का मुख्य स्त्रोत हैं।
अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित फॉकलोरिस्ट, यहां के स्वर्गीय कमल कोठारी के दिमाग की उपज है जो जोधपुर के बाहरी इलाके में स्थित है। यह संग्रहालय 10 एकड़ की भूमि पर फैला हुआ है जिसे राज्य सरकार द्वारा टेक्नोलॉजी ऑफ लिविंग के अंर्तगत आवंटित किया गया था। रूपायन संस्थान संग्रहालय को क्यूरेटर होने का श्रेय दिया जाता है।