मंत्रालयम का श्री गुरु राघवेन्द्र स्वामी मंदिर इस क्षेत्र के प्रमुख पर्यटक आकर्षणों में से एक है। गुरु को भक्त प्रह्लाद, भगवान विष्णु के परम भक्त, का अवतार माना जाता है। भगवान विष्णु भगवान नें नरसिंह का रूप धारण करके प्रहलाद के राक्षस पिता को मारकर पिता के क्रूर इरादों से अपने भक्त की रक्षा की थी।
श्री गुरु राघवेंद्र स्वामी नें मंत्रालयम को वृन्दावन बनाने के लिए चुना था। यग मंदिर गुरु के हजारों भक्तों के बीच बहुत लोकप्रिय है तथा वे प्रतिवर्ष गुरू जयंती के अवसर पर इस मंदिर में आते हैं। जयंती के दिन, मंदिर आगंतुकों की गतिविधियों की हलचल से गुलजार रहता है,क्योंकि यह मौका उन हजारों श्रद्धालुओं के लिए एक खुशियां मनाने का दिन होता है।
यह उत्सव दो दिन तक जारी रहता है। ऐसी मान्यता है कि गुरू अभी भी वृन्दावन में रहते हैं तथा स्वंय गुरू के अनुसार, वह अगले 361 वर्षों के लिए भी इस जगह रहना जारी रखेंगे।