देवकुंड का अर्थ होता है - भगवानों और देवियों का नहाने का कुंड। यह बारीपदा में 60 किमी. की दूरी पर स्थित है। इस स्थान को ईश्वर के ठहरने का स्थान कहा जाता है। देवकुंड से 25 किमी. दूरी पर उदाला में कई त्यौहारों का आयोजन किया जाता है। मकर संक्राति, यहां जनवरी में फसल काटने के दौरान धूमधाम से मनाई जाती है।
हर साल उत्सवों के दौरान यहां हजारों पर्यटक सैर पर आते है। देवकुंड से शहर का नजारा देखने में सुंदर लगता है।
यहां के सभी प्राकृतिक दृश्य मन को मोह लेने वाले होते है। यहां का शांत वातावरण, पर्यटकों में संतोष भर देता है। यहां स्थित देवकुंड बम्बिका मंदिर बेहद सुंदर है जो सुंदर प्राकृतिक दृश्यों के बीच स्थापित किया गया है। इस मंदिर में मां अम्बिका की मूर्ति रखी हुई है।